मैं इस देश का नेता हूँ ,
मैं दंगा फसाद प्रणेता हूँ ,
मैं भ्रष्टाचार विक्रेता हूँ ,
मैं कुछ देता नहीं बस लेता हूँ ,
मैं इस देश का नेता हूँ।

धर्मंनिरपेक्षता का कवच पहन ,
मैं धर्मास्त्र प्रयोग करता हूँ ,
चाहे लोग लड़ें,चाहे लोग मरें,
वो केवल मुझको वोट करें,

दुनिया की नहीं चाह मुझे ,
चमचों के बल पर जीता हूँ ,
मैं इस धरती का पापी बेटा हूँ ,
मैं दंगा फसाद प्रणेता हूँ ,
मैं इस देश का नेता हूँ।

मैं सर्वाहार करता हूँ ,
कभी-कभी पशु चारा भी चरता हूँ,
सेना की वर्दी और बूट बेच ,
अपने बच्चों के पेट भरता हूँ,
ईश्वर का भी नहीं भय मुझे,
अपने आप में द्वापर-त्रेता हूँ,
मैं भ्रष्टाचार विक्रेता हूँ ,
मैं इस देश का नेता हूँ।

कुछ जानें जायें परवाह नहीं ,
आतंकी आयें परवाह नहीं ,
जनता के रक्त पे जीता हूँ ,
उनको दे गरल ,मैं अमृत पीता हूँ,
मैं कुछ देता नहीं बस लेता हूँ ,
मैं इस देश का नेता हूँ।

1 comments

  1. PrakashSinghRathod // April 28, 2010 at 11:48 PM  

    GOOD VERY GOOD
    KEEP IT AND LIGHT US FROM SAME THING.