भावों की अनंत सत्ता , कल्पनाओं की उडान
मन की स्थिरता ,कार्यकुशलता गढे व्यक्तित्व महान
हे मानव ! तुझे हो ये ज्ञातव्य ,तुझे बनना है सुदृढ़ और सभ्य
यदि होगा तू इससे अज्ञ,नहीं कर पाएगा विराट कर्मयज्ञ
तेरी वासना हो स्थिरता की ओर ,सीमित रख अपनी कामना !
तो तेरी हर भावना , होगी संभावना ........
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Very creative dude.Must have studied from some very outdated old antiquated school.
Who is this Bhavna dude. I guess she will take care of the need you articulate in your previous post.